सात जेलें और 500 मुसलमानअल्लाह जिससे चाहे काम ले सकता है
कुवैत के एक बेहद मेहनती छात्र ने कभी यह तो सपने में भी नहीं सोचा था कि अमरीका में उसे जेल की सलाखों के पीछे अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा गुज़ारना पड़ेगा।
अमरीकी जेल की समस्याओं और परेशानियों के बावजूद " यासिर अलबहरी " ने जेल में सब कुछ भूल कर किताबें लिखी और बहुत से क़ैदियों को मुसलमान बना दिया। उन्हें, अमरीकी अदालत ने यौन शोषण के आरोप में 15 साल की जेल की सज़ा सुनायी थी हालांकि वह निर्दोष थे।
दुर्भाग्य का आरंभ
यासिर अलबहरी, पीएचडी के लिए फ्लोरीडा चले गये जहां उनके एक भाई पहले से ही पीएचडी कर रहे थे। यासिर के पास पढ़ाई से समय बच रहा था इस लिए उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिल कर एक " अरबी कॉफी हाउस" बनाने की योजना बनायी। यह कॉफी हाउस तीन लाख डॉलर में खुल गया जिसें पूर्वी खाने पीने की चीज़ें मिलती थीं, कुछ ही समय में उनका कॉफी हाउस फ्लोरीडा में बेहद मशहूर स्थलों में गिना जाने लगा। यह कॉफी हाउस युनिवर्सिटी के निकट था। कॉफी हाउस से प्रतिदिन कम से कम दो हज़ार डॉलर की आमदनी होने लगी।
यासिर अपनी इस कामयाबी से बेहद खुश थे, उन्होंने सन 2007 में दो लाख डॉलर में एक फ्लैट खरीदा और अपनी बीवी को सरप्राइज़ गिफ्ट देना चाहते थे तभी कॉफी हाउस में काम करने वाली एक वेटर्स ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगा दिया और पुलिस ने यासिर को गिरफ्तार कर लिया। उस वेटर्स को मात्र 4 दिन पहले नौकरी पर रखा गया था। अमरीकी वकील ने 5 लाख डॉलर फीस के साथ वादा किया कि चूंकि उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है इस लिए उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में भी यौन शोषण की पुष्टि नहीं हुई थी मगर अंत में ज्यूरी ने 15 साल जेल की सज़ा सुनायी।
सात जेल, 500 मुसलमान!
यासिर अलबहरी को फ्लोरीडा राज्य की सात जेलों में अलग अलग समय में रखा गया, जेल में उनके साथ अधिकांश अश्वेत और लेटिन अमरीका के लोग थे और जब यासिर अलबहरी नमाज़ पढ़ते तो वह सब बड़े ध्यान से उन्हें देखते और फिर इस्लाम के बारे में उनसे सवाल पूछते। यासिर भी चूंकि काफी पढ़ लिखे थे इस लिए वह इस्लाम की बारीकियों से उन्हें अवगत कराते। इस प्रकार यासिर अलबहरी ने अमरीका में पंद्रह साल के दौरान सात जेलों में कुल मिलाकर 500 से अधिक बंदियों को मुसलमान बनाया और 22 किताबें लिखीं।
यासिर अलबहरी की पंद्रह साल की जेल की अवधि अगले महीने पूरी होने वाली है जिसके बाद उन्हें कुवैत वापस भेज दिया जाएगा जहां वह फिर से नयी ज़िदंगी शुरु करेंगे लेकिन शायद वह यह न सोचें कि अमरीकी जेलों में उनके 15 साल बर्बाद हो गये! (Q.A.) साभार, अलजज़ीरा नेट
कुवैत के एक बेहद मेहनती छात्र ने कभी यह तो सपने में भी नहीं सोचा था कि अमरीका में उसे जेल की सलाखों के पीछे अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा गुज़ारना पड़ेगा।
अमरीकी जेल की समस्याओं और परेशानियों के बावजूद " यासिर अलबहरी " ने जेल में सब कुछ भूल कर किताबें लिखी और बहुत से क़ैदियों को मुसलमान बना दिया। उन्हें, अमरीकी अदालत ने यौन शोषण के आरोप में 15 साल की जेल की सज़ा सुनायी थी हालांकि वह निर्दोष थे।
दुर्भाग्य का आरंभ
यासिर अलबहरी, पीएचडी के लिए फ्लोरीडा चले गये जहां उनके एक भाई पहले से ही पीएचडी कर रहे थे। यासिर के पास पढ़ाई से समय बच रहा था इस लिए उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिल कर एक " अरबी कॉफी हाउस" बनाने की योजना बनायी। यह कॉफी हाउस तीन लाख डॉलर में खुल गया जिसें पूर्वी खाने पीने की चीज़ें मिलती थीं, कुछ ही समय में उनका कॉफी हाउस फ्लोरीडा में बेहद मशहूर स्थलों में गिना जाने लगा। यह कॉफी हाउस युनिवर्सिटी के निकट था। कॉफी हाउस से प्रतिदिन कम से कम दो हज़ार डॉलर की आमदनी होने लगी।
" यासिर अलबहरी " |
सात जेल, 500 मुसलमान!
यासिर अलबहरी को फ्लोरीडा राज्य की सात जेलों में अलग अलग समय में रखा गया, जेल में उनके साथ अधिकांश अश्वेत और लेटिन अमरीका के लोग थे और जब यासिर अलबहरी नमाज़ पढ़ते तो वह सब बड़े ध्यान से उन्हें देखते और फिर इस्लाम के बारे में उनसे सवाल पूछते। यासिर भी चूंकि काफी पढ़ लिखे थे इस लिए वह इस्लाम की बारीकियों से उन्हें अवगत कराते। इस प्रकार यासिर अलबहरी ने अमरीका में पंद्रह साल के दौरान सात जेलों में कुल मिलाकर 500 से अधिक बंदियों को मुसलमान बनाया और 22 किताबें लिखीं।
यासिर अलबहरी की पंद्रह साल की जेल की अवधि अगले महीने पूरी होने वाली है जिसके बाद उन्हें कुवैत वापस भेज दिया जाएगा जहां वह फिर से नयी ज़िदंगी शुरु करेंगे लेकिन शायद वह यह न सोचें कि अमरीकी जेलों में उनके 15 साल बर्बाद हो गये! (Q.A.) साभार, अलजज़ीरा नेट
Post a Comment