शोधकर्ताओं को एक हस्तलिपि मिली है, जिसमें न केवल कयामत के दिन की भविष्यवाणी की गई है, बल्कि नक्शे के द्वारा इस्लाम के ईसाई धर्म पर हावी होकर दुनियाभर में फैलने की भी भविष्यवाणी है।
यह हस्तलिपि लैटिन भाषा में लिखी गई है। इसमें इस्लाम के विस्तार का जिक्र है। इस हस्तलिपि के लेखक का नाम तो नहीं पता, लेकिन कुछ का कहना है कि किसी बापतिस्ता नाम के एक ज्योतिषीय चिकित्सक ने इसे लिखा है। यह हस्तलिपि जर्मनी के लूबक प्रांत में 1486 से 1488 के बीच लिखी गई। फिलहाल यह कैलिफॉर्निया के हंगटिंगटन पुस्तकालय में रखी हुई है।
हस्तलिपि में भविष्यवाणी की शुरुआत एक मानचित्र से हुई है। इसमें 639 से 1514 के बीच की दुनिया को उकेरा गया है। लेखक ने दुनियाभर में इस्लाम के फैलने और इस्लाम द्वारा दुनिया पर कब्जा किए जाने की चेतावनी देते इसे ईसाई देशों के लिए खतरा बताया है।
जाने-माने लेखक वेन डोजर ने इस हस्तलिपि को ‘इस्लाम विरोधी’ बताते हुए कहा, ‘यह दुखद है, लेकिन उस समय उन जगहों में इस्लाम को लेकर बड़े स्तर पर पूर्वाग्रह कायम था।’
इसी हस्तलिपि में आगे लिखा है कि ‘इस्लाम की तलवार’ पहले यूरोप पर कब्जा करेगी और फिर वहां से बाकी दुनिया में अपना रास्ता बनाएगी। इस नक्शे में बीच में धरती की जगह एक घेरा बना है।
इसके अंदर 5 तलवारें उकेरी गई हैं। 5 में से एक तलवार पर लिखा है, ‘यह सही करती है।’ दूसरी तलवार पर लिखा है, ‘सुधारती है।’ तीसरी तलवार पर ‘कुचलती है’ लिखा है। चौथी तलवार पर ‘घूमती है’ लिखा है। पांचवीं तलवार पर कुछ नहीं लिखा। इन आकृतियों के आसपास यह भविष्यवाणी की गई है कि 1515 से 1570 के बीच दुनिया भर में क्या-क्या घटेगा।
इस्लाम के फैलने के अलावा एक अलग नक्शे में ईसा मसीह के विरोधी के उदय को दर्शाया गया है। तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है कि ईसा के विरोधी की बड़ी सींगे दुनिया भर में फैल गई हैं। इसमें दर्शाय गया है कि वह धोखे, चालाकी, क्रूरता से और खुद को भगवान बताकर लोगों को उसे मानने के लिए राजी करेगा। इसके बाद उस दौर को भी दर्शाया गया है कि जब फिर से दुनिया में ईसा का झंडा लहराएगा। इस नक्शे में धरती और नर्क की परिधि की गणना भी की गई है। बताया गया है कि नर्क 8,000- 6,100 मील लंबा-चौड़ा है।
यह हस्तलिपि लैटिन भाषा में लिखी गई है। इसमें इस्लाम के विस्तार का जिक्र है। इस हस्तलिपि के लेखक का नाम तो नहीं पता, लेकिन कुछ का कहना है कि किसी बापतिस्ता नाम के एक ज्योतिषीय चिकित्सक ने इसे लिखा है। यह हस्तलिपि जर्मनी के लूबक प्रांत में 1486 से 1488 के बीच लिखी गई। फिलहाल यह कैलिफॉर्निया के हंगटिंगटन पुस्तकालय में रखी हुई है।
हस्तलिपि में भविष्यवाणी की शुरुआत एक मानचित्र से हुई है। इसमें 639 से 1514 के बीच की दुनिया को उकेरा गया है। लेखक ने दुनियाभर में इस्लाम के फैलने और इस्लाम द्वारा दुनिया पर कब्जा किए जाने की चेतावनी देते इसे ईसाई देशों के लिए खतरा बताया है।
जाने-माने लेखक वेन डोजर ने इस हस्तलिपि को ‘इस्लाम विरोधी’ बताते हुए कहा, ‘यह दुखद है, लेकिन उस समय उन जगहों में इस्लाम को लेकर बड़े स्तर पर पूर्वाग्रह कायम था।’
इसी हस्तलिपि में आगे लिखा है कि ‘इस्लाम की तलवार’ पहले यूरोप पर कब्जा करेगी और फिर वहां से बाकी दुनिया में अपना रास्ता बनाएगी। इस नक्शे में बीच में धरती की जगह एक घेरा बना है।
इसके अंदर 5 तलवारें उकेरी गई हैं। 5 में से एक तलवार पर लिखा है, ‘यह सही करती है।’ दूसरी तलवार पर लिखा है, ‘सुधारती है।’ तीसरी तलवार पर ‘कुचलती है’ लिखा है। चौथी तलवार पर ‘घूमती है’ लिखा है। पांचवीं तलवार पर कुछ नहीं लिखा। इन आकृतियों के आसपास यह भविष्यवाणी की गई है कि 1515 से 1570 के बीच दुनिया भर में क्या-क्या घटेगा।
इस्लाम के फैलने के अलावा एक अलग नक्शे में ईसा मसीह के विरोधी के उदय को दर्शाया गया है। तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है कि ईसा के विरोधी की बड़ी सींगे दुनिया भर में फैल गई हैं। इसमें दर्शाय गया है कि वह धोखे, चालाकी, क्रूरता से और खुद को भगवान बताकर लोगों को उसे मानने के लिए राजी करेगा। इसके बाद उस दौर को भी दर्शाया गया है कि जब फिर से दुनिया में ईसा का झंडा लहराएगा। इस नक्शे में धरती और नर्क की परिधि की गणना भी की गई है। बताया गया है कि नर्क 8,000- 6,100 मील लंबा-चौड़ा है।
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